Step into an infinite world of stories
Fiction
हम अक्सर सोचते हैं- ‘आधी आबादी’ को अखिर क्या चाहिए? उनके क्या सपने हैं? शायद बस इतना ही कि वो जैसी हैं, उस रूप में रहें और उन्हें स्त्री से पहले एक मनुष्य के रूप में देखा जाये। यह पुस्तक एक पुल है जिसे पार करने पर आपको एहसास होगा कि स्त्री ने प्राचीन काल से अब तक कितनी यात्र तय कर ली है और कितनी बाकी है। हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा के शब्दों में कहें तो कह सकते हैं कि- फ्हमें न जय चाहिए, न किसी से पराजय_ न किसी पर प्रभुता चाहिए, न किसी का प्रभुत्व। केवल अपना वह स्थान, वह स्वत्व चाहिए जिनका पुरुषों के निकट कोई उपयोग नहीं है, परन्तु जिनके बिना हम समाज का उपयोगी अंग बन नहीं सकेंगी। उम्मीद है यह पुस्तक पाठकों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी।
© 2020 Prabhakar Prakshan (Ebook): 9788194926160
Release date
Ebook: 28 August 2020
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