Stígðu inn í heim af óteljandi sögum
Sjálfsrækt
हम भोजन या आहार को अधिकतर पेट भरने का ही स्रोत समझते हैं पर हम भूल ही जाते हैं कि हम जो कुछ भी खाते हैं वह मात्र हमारा पेट ही नहीं भरता बल्कि हमें शक्ति भी प्रदान करता है। आहार की यही शक्ति हमें स्वस्थ और निरोगी रखने में हमारी मदद करती है। परन्तु जहां एक ओर हमारा आहार हमें स्वस्थ रखता है वहीं हमें बीमार भी कर देता है, क्योंकि हमारा आहार हमारे लिए औषधि भी है और विष भी। इसके लिए न केवल हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि किस खाद्य पदार्थ में कौन से गुण छिपे होते हैं, बल्कि हमें इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि किस रोग में क्या खाएं, क्या न खाएं, इस बात को इस पुस्तक में विस्तार पूर्वक समझाया गया है। इतना ही नहीं जीवन में आहार का क्या और कितना महत्त्व है तथा हम किस तरह अपने आहार का प्रयोग, किसी रोग के उपचार के रूप में कर सकते हैं, यह सब हम इस पुस्तक से सीख सकते हैं।
© 2024 Prabhakar Prakshan (Rafbók): 9789389851007
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Rafbók: 1 januari 2024
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